कोरोना क्राइसिस के कारण चली गई है नौकरी तो भी PF अकाउंट नहीं होगा डिएक्टिवेट, मिलता रहेगा जमा पर ब्याज

अगर कोरोना क्राइसिस के कारणआपकी नौकरी चली गई है और आप ये सोच रहे हैं कि अब आपके पीएफ अकाउंट का क्या होगा। इसमें कॉन्ट्रिब्यूशन न करने पर कहीं आपका अकाउंट बंद तो नहीं हो जाएगा या इस पर ब्याज मिलेगा या नहीं? अगर आप भी यही सोच रहे हैं तो हमआपको इस बारे में बता रहे हैं।


पीएफ अकाउंट डिएक्टिवेटतो नहीं हो जाएगा?
मौजूदा नियमों के अनुसार, पीएफ अकाउंट तब निष्क्रिय होता है अगर कर्मचारी पीएफ में जमा रकम के लिए निकासी का आवेदन 55 साल की उम्र पर रिटायरमेंट के 36 महीने के अंदर नहीं देता है। इसका मतलब यह हुआ कि संस्थान को छोड़ने के बाद भी पीएफ अकाउंट पर ब्याज मिलता रहता है और यह 55 साल की उम्र तक निष्क्रिय नहीं होता है. हालांकि, जिस अवधि में कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं किया जाता है, उस समय कमाए गए ब्याज पर टैक्स लगता है।


नौकरी जाने पर एक माह के बादनिकाल सकेंगे पीएफ का 75 फीसदी पैसा
पीएफ विद्ड्रॉअल के नियम के तहत अगर किसी मेंबर की नौकरी चली जाती है तो वह 1 माह के बाद पीएफ अकाउंट से 75 फीसदी पैसा निकाल सकता है। इससे वह बेरोजगारी के दौरान अपनी जरूरतें पूरी कर सकता है।EPF में जमा बाकी 25 फीसदी हिस्से को जॉब छूटने के दो महीने बाद निकाला जा सकता है। अगर आप ये पैसा नहीं निकालते हैं तोनई नौकरी मिलने पर उसके पीएफ अकाउंट में कंट्रीब्यूशन फिर से शुरू हो जाएगा।


कोरोना के कारणसरकार ने दी पीएफ निकालनेकी राहत
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कोरोना संकट को देखते हुए ईपीएफ खाताधारकों को राहत देते हुए 30 जून तक उनके जमा की एडवांस निकासी की सुविधा दी है। ईपीएफओ ने इसके लिए ईपीएफ स्कीम-1952 में बदलाव करते हुए यह कहा कि कर्मचारी अपने खाते में जमा रकम का 75 फीसदी या तीन महीने के वेतन के बराबर रकम निकाल सकते हैं। इस रकम का इस्तेमाल कर्मचारी अपनी जरूरतों के लिए कर सकते हैं और इसे फिर से जमा करने की जरूरत नहीं होगी।



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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कोरोना संकट को देखते हुए ईपीएफ खाताधारकों को राहत देते हुए 30 जून तक उनके जमा की एडवांस निकासी की सुविधा दी है


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