बकाया कर्ज चुकाने और वीडियोकॉन ग्रुप की 13 कंपनियों को इंसॉल्वेंसी प्रोसिडिंग (दिवालिया प्रक्रिया) से बाहर निकालने के लिए धूत परिवार ने कर्जदाताओं को 30,000 करोड़ रुपए का भुगतान करने की पेशकश की है। वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के सस्पेंडेड बोर्ड के सीएमडी वेणुगोपाल धूत ने एक साक्षात्कार में कहा कि रकम के भुगतान का प्रस्ताव वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) को भेज दिया गया है। इंसॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड (IBC) के तहत कॉरपोरेट इंसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) शुरू किए जाने के बाद वीडियोकॉन इडस्ट्रीज के बोर्ड को सस्पेंड कर दिया गया था।
ग्रुप के पूर्व प्रमोटर्स धूत परिवार ने उम्मीद जताई कि कर्जदाता और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) यदि सहमत हुए तो उनके सेटलमेंट ऑफर पर इस साल के आखिर तक फैसला हो सकता है। अभी ग्रुप की 15 कंपनियों के विरुद्ध CIRP जारी है। सेटलमेंट ऑफर इनमें से 13 कंपनियों के लिए किया गया है। ऑफर से बाहर बची दोनों कंपनियों में KAIL और TREND शामिल हैं।
30 से 60 दिनों में अंतिम फैसला हो जाने की उम्मीद
NCLT की मुंबई पीठ ने रिजॉल्यूशन प्रोसेस की रफ्तार तेज करने के लिए ग्रुप की 15 कंपनियों को एक साथ क्लब कर दिया है, ताकि इन्हें बेहतर वैल्यू मिल सके। धूत ने कहा कि अगले 30 से 60 दिनों में अंतिम फैसला हो जाने की उम्मीद है। आईबीसी की धारा 12ए के तहत कुछ शर्तों के पूरा होने पर ट्रिब्यूनल किसी कंपनी को इंसॉल्वेंसी प्रक्रिया से बाहर निकाले जाने की भी मंजूरी दे सकता है।
वीडियोकॉन ग्रुप पर 31,289 करोड़ रुपए की देनदारी
आम तौर पर 12ए के तहत किए गए कुछ ही आवेदनों को मंजूरी दी जाती है, लेकिन धूत परिवार को प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने का पूरा विश्वास है। धूत परिवार ने कहा कि करीब 150 कंपनियों को सेक्शन 12ए के तहत सफलतापूर्वक इंसॉल्वेंसी प्रोसेस से बाहर निकाला गया है। वीडियोकॉन ग्रुप पर 31,289 करोड़ रुपए की देनदारी तय की गई है।
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