बेंगलुरू में प्याज 100 रुपए/किलो मिल रहा तो दिल्ली में 90 के पार पहुंचा भाव; आलू 60, लहसुन 150 रुपए तक बिक रहा

त्योहारी सीजन में सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। पिछले एक माह में आलू-प्याज की कीमत में जबरदस्त उछाल आया है। सरकार के प्याज के दाम को काबू में लाने के विभिन्न प्रयासों के बावजूद देश के कई राज्यों में आलू-प्याज के दाम में तेजी बनी हुई है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को बेंगलुरू में प्याज 100 रुपए किलो के भाव पर बिका है। यह स्थिति तब है जब कर्नाटक देश में प्याज का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है।

वहीं, सरकारी आंकड़े के अनुसार प्रमुख खपत वाला शहर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी स्थिति वैसी ही बनी हुई है। सोमवार को दिल्ली में प्याज का खुदरा भाव 90-100 रुपए प्रति किलो रहा। वहीं, दिल्ली से सटे नोएडा-गाजियाबाद यानी कि एनसीआर में प्याज की कीमतें 80-85 रुपए प्रति किलो चल रही हैं।

मुंबई में भी प्याज 80-90 रुपए प्रति के हिसाब के बिक रहा है। कोलकाता में प्याज का भाव 70 रुपए किलो और चेन्नई में 72 रुपए किलो रहा। हालांकि, उदयपुर और पश्चिम बंगाल में वीरभूम जिले के रामपुर हाट में प्याज की कीमत सबसे कम 35 रुपए किलो है।

प्याज की आसमान छूती कीमतें-

राज्य कीमत (रुपए प्रति किलो)
बेंगलुरू 100
दिल्ली 90-100
एनसीआर 80-85
मुंबई 80
कोलकाता 70
चेन्नई 72

एक साल में आलू दोगुना से भी ज्यादा महंगा

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों पर ध्यान दें तो पिछले एक साल में थोक बाजार में आलू के दाम 108% बढ़े हैं। साल भर पहले थोक में आलू 1,739 रुपए क्विंटल बिकता था जबकि अब भाव 3,633 रुपए क्विंटल हो गया है। दिल्ली में इस समय खुदरा में आलू 60 रुपए किलो के भाव से बिक रहा है। मुंबई में भी लगभग रही रेट है। वहीं, कोलकाता में आलू 50-65 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है। भोपाल में आलू का भाव 50-55 रुपए किलो पहुंच गया है।

आलू और प्याज के अलावा लहसुन और अदरक भी महंगाई के ग्राफ में तेजी से तेजी से आगे बढ़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर में लहसुन 150-160 रुपए और अदरक 90-100 रुपए किलोग्राम के पार पहुंच गया है। वही, दिल्ली-एनसीआर के रिटेल मार्केट में टमाटर 50-60 रुपए प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। कुछ दिन पहले तक टमाटर 30 रुपए प्रति किलो के भाव पर मिल रहा था।

क्यों महंगा हो रहा है प्याज?

  • दिल्ली के आजादपुर मंडी में प्याज का कारोबार करने वाले राजीव कुमार बताते हैं कि भारत में तीन सीजन खरीफ (गर्मी), खरीफ (गर्मी के बाद) और रबी (सर्दी) में प्याज बोया जाता है। वहीं, सितंबर में खरीफ प्याज मंडी में आना शुरू हो जाते है और नवंबर के बाद से खरीफ और अप्रैल के बाद से रबी प्याज आना शुरु हो जाते हैं।
  • पिछले साल और इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून में भारी बारिश ने प्याज की आवक को बुरी तरह प्रभावित किया है। आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में बारिश ने प्याज की फसलों को बर्बाद कर दिया इसी वजह से प्याज की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है।
  • देश में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक तीन प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य हैं। और इन राज्यों में इस साल भारी बारिश हुई है जिसके कारण खरीफ फसल को काफी नुकसान हुआ है और देशभर आपूर्ति प्रभावित हुई है। यही वजह है कि पिछले कुछ सप्ताह से प्याज की कीमत ऊंची बनी हुई है।

बढ़ती कीमतों पर सरकार ने क्या एक्शन लिया है

सरकार प्याज-आलू की बढ़ती कीमतों पर काबू में करने के लिए कदम उठा रही है। अब तक सरकार द्वारा ये फैसले लिए जा चुके हैं-

  • सरकार ने प्याज की कीमत को थामने के लिए सितंबर में ही इसके एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी।
  • निजी व्यापार के जरिए आयात को लेकर नियमों में ढील दी गई है।
  • सरकार ने बीते 23 अक्टूबर को प्याज पर स्टॉक लिमिट 25 टन कर दी थी।
  • सरकार बफर स्टॉक से प्याज निकालकर बाजार में इसकी उपलब्धता बढ़ा रही है।
  • नैफेड ने 1 लाख टन प्याज बाजार में भेजना शुरू कर दिया है।
  • नैफेड ने शनिवार को 15 हजार टन लाल प्याज के आयात का टेंडर निकाला है।
  • अब स्टॉक लिमिट लागू किए जाने से पहले, प्याज की मंडी में खरीद की तारीख से ग्रेडिंग और पैकिंग के लिए 3 दिन का समय दिया जाएगा
  • किसान रेल के जरिए प्याज को देश के हर कोने तक पहुंचाया जा रहा है।
  • सरकार ने शुक्रवार को भूटान से आलू के आयात में छूट दी, इसके लिए लाइसेंस की जरूरत खत्‍म कर दी गई है।
  • टैरिफ रेट कोटा योजना के तहत अतिरिक्त 10 लाख टन आलू के आयात की अनुमति दी गई है।

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कब तक काबू में आएंगी कीमतें ?

राजीव कुमार बताते हैं कि अगले कुछ दिनों में आलू और प्याज की कीमतें काबू में आ जाएंगी। इस समय तक नासिक से देशभर में सबसे ज्यादा प्याज सप्लाई होता था। अब जल्द ही स्थिति सामान्य होगी और आने वाले महीने में प्याज की कीमतों में राहत मिलेगी। साथ ही सरकार द्वारा उठाए गए कदम का भी असर पडेगा। गाजीपुर मंडी के आलू-प्याज कारोबारी मनु सिंह ने बताते हैं कि त्योहार के चलते आलू और प्याज की मांग में तेजी आई है। दिवाली के बाद कीमतों में राहत मिल सकती है।



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