भारतीय शेयर बाजार हाल के समय में दुनिया के बेहतरीन प्रदर्शन करनेवाले इक्विटी बाजार की तुलना में आगे निकल गया है। आंकड़ों के मुताबिक, एनएसई के बेंचमार्क निफ्टी 50 ने पिछले तीन महीनों में 35.2 प्रतिशत का लाभ निवेशकों को दिया है। यह दुनिया के बाजारों के प्रदर्शन की तुलना में ज्यादा है।
भारतीय इक्विटीज बाजार का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.8 ट्रिलियन डॉलर हुआ
पिछले तीन महीनों में भारत का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 530 अरब डॉलर बढ़कर 1.8 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। इस अवधि के दौरान अमेरिकी शेयर बाजार ने जहां 28 प्रतिशत का रिटर्न दिया, वहीं जापान के शेयर बाजार ने 25 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। जर्मनी के बाजार ने 29 प्रतिशत और फ्रांस के बाजार ने 18 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। तेज रिकवरी के साथ एमएससीआई इंडिया इंडेक्स ने एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट (ईएम) इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है।
विदेशी निवेशकों ने तीन महीनों में 44,402 करोड़ के शेयरों की खरीदी की
लॉकडाउन से पहले भारतीय इक्विटी बाजार का मार्केट कैपिटलाइजेशन (बाजार पूंजीकरण) 2.12 से 2.20 ट्रिलियन डॉलर के बीच था। इस समय यह इसकी तुलना में 15 प्रतिशत कम है। इसी दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय इक्विटी बाजार में मार्च में रिकॉर्ड 61,972 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की थी। हालांकि पिछले तीन महीनों में इन निवेशकों ने 44,402 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदी की है।
इस महीने में एफपीआई ने खरीदे 22,194 करोड़ रुपए के शेयर
इससे यह पता चल रहा है कि एफपीआई को अभी भी भारतीय बाजार में अच्छा रिटर्न मिल रहा है और वैश्विक बाजारों की तुलना में यह आकर्षक बाजार बना हुआ है। एनएसडीएल के आंकड़ों के मुताबिक इस महीने में ही अभी तक 22,194 करोड़ रुपए के शेयर एफपीआई ने खरीदे हैं। दूसरा पहलू देखें तो दक्षिण कोरिया को छोड़कर शीर्ष वैश्विक बाजारों के बीच 22.6 के पी/ई मल्टीपल पर भारतीय बाजार कारोबार कर रहा है। यानी यह अब महंगे जोन में है।
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