देश में खाद्य तेलों के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक रुचि सोया इंडस्ट्री की कहानी लूडो के सांप सीढ़ी के खेल से कम नहीं है। कभी दिवालिया होने की वजह से चर्चा में रही रुचि सोया एक बार फिर खबरों में है। अबकी बार कंपनी के शेयरों की कीमतों में तेज बढ़ोतरी इसकी वजह है।
27 जनवरी को शेयर बाजार में रि-लिस्ट होने के बाद रुचि सोया ने जबरदस्त मुनाफा दिया है। 27 जनवरी को फिर से लिस्ट हुई रुचि सोया के एक शेयर की कीमत 16.90 रुपए थी। बुधवार 24 जून को मार्केट बंद होने पर इसके एक शेयर की कीमत बढ़कर 1367.20 रुपए पर पहुंच गई है। यानी पांच महीनों में 8090% का भारी भरकम रिटर्न। कंपनी के शेयरों में रोज अपर सर्किट लग रहा है।
9345 करोड़ रुपए की कर्जदार हो गई थी कंपनी
साल 2012 में डेलॉय की ‘ग्लोबल पावर्स ऑफ कंज्यूमर प्रोडक्ट इंडस्ट्री 2012’ रिपोर्ट में रुचि सोया शीर्ष 250 कंज्यूमर प्रोडक्ट कंपनियों में 175वें स्थान पर थी। 2010 में कंपनी के एक शेयर की कीमत 13,000 रुपए से ज्यादा पहुंच गई थी। फिर कंपनी अपने ट्रैक से ऐसे फिसली कि कर्ज के जाल में उलझती चली गई। कंपनी पर कुल 9345 करोड़ रुपए का कर्ज हो गया और दिवालिया हो गई। दिसंबर 2017 में नेशनल लॉ ट्रिब्यून (एनसीएलटी) ने इन-सॉल्वेंसी प्रक्रिया के तहत रुचि सोया के नीलामी का आदेश दिया।
बाबा रामदेव ने रुचि सोया को खरीदा
रुचि सोया को बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने दिसंबर 2019 में 4350 करोड़ रुपए में खरीद लिया। पतंजलि के अधिग्रहण के बाद एक बार फिर रुचि सोया की किस्मत बदल गई है। दिवालिया होने की वजह से कंपनी शेयर बाजार से डिलिस्ट हो गई थी। फिर से 27 जनवरी को रि-लिस्ट हुई। वर्तमान में कपंनी का मार्केट कैप बीएसई में 42,469 करोड़ रुपए पार कर गया है।
पतंजलि के पास रुचि सोया की 98.87% हिस्सेदारी
पतंजलि के पास रुचि सोया की 98.87 फीसदी हिस्सेदारी है। निवेशकों की अन्य श्रेणियों के पास कंपनी के मात्र 33.4 लाख शेयर ही मौजूद हैं। लिहाजा इसके बहुत ही कम शेयरों की रोज खरीद फरोख्त हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि नियमों के चलते पतंजलि को अपनी और हिस्सेदारी छोड़नी होगी। जिससे शेयरों का फिर से बंटवारा होगा और कीमतें फिर से एडजस्ट हो सकती हैं। इसलिए पतंजलि के हिस्सेदारी कम करने तक निवेशकों को इंतजार करना चाहिए।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Post a Comment