‘चीनी रोग नियंत्रण एवं बचाव केंद्र’ के वैज्ञानिकों समेत अन्य के मुताबिक ये जी 4 विषाणु मानव कोशिकाओं में रिसेप्टर अणुओं (प्रोटीन अणु) से बंध जाते हैं और श्वसन तंत्र की बाहरी सतह में अपनी संख्या बढ़ाते हैं।
from Jansattaअंतरराष्ट्रीय – Jansatta
‘चीनी रोग नियंत्रण एवं बचाव केंद्र’ के वैज्ञानिकों समेत अन्य के मुताबिक ये जी 4 विषाणु मानव कोशिकाओं में रिसेप्टर अणुओं (प्रोटीन अणु) से बंध जाते हैं और श्वसन तंत्र की बाहरी सतह में अपनी संख्या बढ़ाते हैं।
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‘चीनी रोग नियंत्रण एवं बचाव केंद्र’ के वैज्ञानिकों समेत अन्य के मुताबिक ये जी 4 विषाणु मानव कोशिकाओं में रिसेप्टर अणुओं (प्रोटीन अणु) से बंध जाते हैं और श्वसन तंत्र की बाहरी सतह में अपनी संख्या बढ़ाते हैं।
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