फेयर एंड लवली के बाद अब Emami और L'Oréal भी हटाएगी 'फेयर' और 'लाइटनिंग' जैसे शब्द, कंपनी कंज्यूमर सेंटीमेंट और जरूरतों पर करेगी फोकस

अमेरिकी अफ्रीकी समुदाय के अश्वेत जार्ज फ्लायड की मौत के बाद दुनियाभर में रंगभेद को लेकर बहस छिड़ गई है। इस बहस ने अब गोरेपन और स्कीन को सुंदर करने वाली क्रीम को भी लपेटे में लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए ब्यूटी ब्रैंड अपनी योजना में बदलाव कर रही हैं। हिन्दुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) ने अपने 45 साल पुराने ब्रैंड फेयर एंड लवली से 'फेयर' शब्द को हटाने का निर्णय लिया। इसके बाद अब इमामी (Emami) भी फेयर एंड हैंडसम क्रीम से 'फेयर' शब्द को हटा सकती है।

आगे के फैसलों का वैल्यूएशन कर रहे हैं- इमामी

इमामी ने भास्कर से बातचीत में कहा कि हम एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में कंज्यूमर के सेंटीमेंट को ध्यान में रखकर काम करते हैं। उनकी जरूरतों पर हमारा फोकस रहता है। हम वर्तमान में आगे के फैसलों का वैल्यूएशन कर रहे हैं। हमारा पूरा फोकस कंज्यूमर सेंटिमेंट्स पर आधारित रहेगा।

वहीं, केविन केयर जिसका 'फेयरएवर क्रीम' (Fairever Cream)नाम से प्रोडक्ट मार्केट में उपलब्ध है। कंपनी के प्रवक्ता के मुताबिक, कंपनी अभी मौजूदा स्थिति को देखते हुए भविष्य में प्रोडक्ट को लेकर मूल्यांकन करेगी।

L’Oreal के प्रोडक्ट से हटेगा 'व्हाइट' और 'लाइट' शब्द

लॉरियल कंपनी भी अपने ब्रैंड्स से व्हाइट, लाइट और फेयर जैसे शब्दों को हटाएगी। लॉरियल ग्रुप ने अपने सभी स्किन केयर उत्पादों से व्हाइटनिंग, लाइटनिंग और फेयरनेस जैसे शब्दों को हटाने का फैसला किया है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि लॉरियल ने स्किन प्रोडक्ट में उपयोग होनेवाले टर्म को लेकर चिंता जताई है और इसे समझा भी है। इसलिए यह फैसला किया गया है। बता दें की कंपनी ने शुक्रवार को वैश्विक स्तर पर एक वेबिनार रखा था। इसमें कंपनी ने भविष्य के प्रोडक्ट्स को लेकर बात कई बातें कही है।

ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी एमवे नेफिलहाल इस पर कुछ भी कहने से मना कर दिया है। वहीं डाबरइंडिया के प्रवक्ता आनंद व्यास ने कहा कि अभी कंपनी की तरफ से इस पर कुछ भी कहना मुश्किल है। बता दें कि मार्केट में डाबर इंडिया फेम फेयरनेस ब्लीच बेचती है, जो कि लाइटनिंग और ब्राइटनिंग स्कीन टोन का दावा करती है।

HUL अपने ब्यूटी प्रोडक्ट्स की पॉलिसी में करेगी बदलाव

फेयर एंड लवली के बाद हिन्दुस्तानयूनिलिवर (HUL) कंपनी अपने अन्य ब्यूटी ब्रैंड्स जैसे किडव (Dove) औरपोंड्स (Pond's) से भी 'वाइटनिंग', 'लाइटनिंग' और 'ब्राइटनिंग' जैसे शब्द को हटाने पर विचार करेगी। भविष्य में कंपनी अपने किसी भी ब्यूटी प्रोडक्ट में इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल नहीं करेगी। बता दें किपोंड्स का 'व्हाइट् ब्यूटी क्रीम-एंटी स्पॉट फेयरनेस' क्रीम औरडव का व्हाइट् एंड मॉश्चराइजर क्रीम मार्केट में उपलब्ध है।कंपनी ब्यूटी प्रोडक्ट्स का अब सभी प्रकार की स्कीन के लिए प्रचार करेगी।

अगले माह तक नए डिजाइन और टैगलाइन के साथ आएगा 'फेयर एंड लवली'

कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव मेहता के मुताबिक, फेयर एंड लवली के ब्रैंड के नए नाम को खोजा जा रहा है, जो ब्यूटी के विजन को रिफ्लेक्ट करे और जो सभी स्किन को सेलिब्रेट करे। संजीव मेहता ने कहा कि हमारे प्रोडक्ट में विटामिन बी3 और अन्य एक्टिव विटामिन हैं। हमारा मानना है कि कंज्यूमर की जरूतों के आधार पर हम एक जिम्मेदार कंपनी के रूप में सुरक्षित और प्रभावी प्रोडक्ट को हेल्दी ग्लोविंग स्किन के लिए पेश करें। अगले माह तक फेयर एंड लवली का नया नाम आ जाएगा। यह प्रोडक्ट नए डिजाइन और टैगलाइन के साथ मार्केट में दोबारा प्रवेश करेगा।

यह संभव हो सकता हैकि अब ये ब्यूटी प्रोडक्ट्स ब्रैंड मार्केट स्ट्रेटजी के तहत अपने विज्ञापन और टैगलाइन में बदलाव के साथ हीब्रैंड एम्बेसडर कोबदलने पर विचार कर सकती है।

शादी.कॉम और जॉनसन एंड जॉनसन ने भी लिया फैसला

यूजर द्वारा विरोध किए जाने के बाद एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट ने अपना स्किन कलर फिल्टर हटा लिया है। शादी.कॉम (Shaadi.com) ने अपनी वेबसाइट से उस ऑप्शन को हटा दिया है, जिसके तहत लोग स्किन टोन के आधार पर अपने पार्टनर को सर्च कर सकते थे। दरअसल, अमेरिका में रहने वाली हेतल लखानी द्वारा एक ऑनलाइन याचिका शुरू करने के बाद वेबसाइट ने यह कदम उठाया है।

वहीं, अमेरिका की हेल्थकेयर कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) ने अपने पॉपुलर फेयरनेस प्रोडक्ट्स की एशिया और मिडिल ईस्ट में बिक्री बंद करने का फैसला किया है। नस्लीय असमानता पर वैश्विक बहस के कारण सामाजिक दबाव बढ़ने के चलते कंपनी ने यह फैसला किया है। कंपनी के मुताबिक, अब वह इन प्रोडक्ट्स का उत्पादन या शिपमेंट नहीं करेगी। हालांकि, स्टॉक खत्म होने तक यह उत्पाद स्टोर पर उपलब्ध रहेंगे।

भारत में ब्यूटी प्रोडक्ट का मार्केट साइज

भारत में ब्यूटी एवं पर्सनल केयर बाजार के 9 प्रतिशत सीएजीआर की दर से बढ़ने का अनुमान है। 2017 में इसका बाजार साइज 14-15 अरब डॉलर था जो 2022 तक 22-23 अरब डॉलर होने का अनुमान है।



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अमेरिकी अफ्रीकी समुदाय के अश्वेत जार्ज फ्लायड की मौत के बाद दुनियाभर में रंगभेद को लेकर बहस छिड़ गई है


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