दो साल से अटकी सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा को बिहार और मप्र के चुनाव से जोड़ रहे कैंडिडेट्स, कहते हैं- 15 दिसंबर को परीक्षा हो गई तो बड़ी बात होगी

बिहार के रहने वाले राजू कुमार ने इस उम्मीद के साथ रेलवे का फॉर्म भरा था कि सरकारी नौकरी लगने पर घर की स्थिति सुधर जाएगी। पहली बार रेलवे की परीक्षा में शामिल होने जा रहे राजू परीक्षा में हुई देरी के चलते नौकरी पाने की आस छोड़ चुके थे। बस, मन में इस बात की कसक थी कि समय के साथ परीक्षा फॉर्म भरने में पैसे भी बर्बाद हो गए। यह हाल सिर्फ राजू का ही नहीं बल्कि, उन सभी कैंडिडेट्स का है, जिन्होंने सरकारी जॉब का सपना पूरा करने के लिए फरवरी, 2019 में प्लाय किया था।

राजू ने बताया कि उनके जैसे और भी कैंडिडेट्स है, जिनका परीक्षा में हुई देरी के कारण तैयारियों पर काफी असर पड़ा है। कई तो ऐसे भी है, जिनकी परीक्षा का इंतजार करते हुए उम्र ढलती जा रही है। अचानक परीक्षा की तारीख जारी करने के पीछे सरकार का एजेंडा है।

कितने मार्क्स की होगी परीक्षा

CBT 1

जनरल अवेयरनेस

40

मैथ्स

30

जनरल इंटेलिजेंस एंड रीजनिंग विषय

30

कुल परीक्षा के अंक

100

समय सीमा

90 मिनट

ऐसे हालात में तो खेती-बाड़ी करना ही ठीक

मध्य प्रदेश के स्वराज वर्मा कहते है कि इस बार भी परीक्षा हो जाए तो बड़ी बात होगी। कोरोना को देखते हुए कई दिनों से परीक्षा को लेकर उलझन बनी हुई है। मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में राज्य के बेरोजगार युवाओं का अपनी ओर ध्यान केंद्रित करने के मकसद से यह डेट जारी हुई है।

पहले भी कई बार परीक्षा दे चुके स्वराज कहते हैं कि अगर सरकार को परीक्षा आयोजित ही नहीं करना है, तो सीधा बता दें। जिससे इन परीक्षाओं की तैयारियों में बर्बाद होने वाले समय और माता-पिता के पैसों को बचाकर प्राइवेट सेक्टर की तरफ फोकस करें। सरकार के इस रवैये से परेशान स्वराज ने कहा कि मेहनत को यूं खराब होते देख लगता है कि घर पर रह कर खेती-बाड़ी करना ही ठीक रहेगा।

CBT 2

जनरल अवेयरनेस

50

मैथ्स

35

जनरल इंटेलिजेंस एंड रीजनिंग विषय

35

कुल परीक्षा के अंक

120

समय सीमा

90 मिनट

चुनावी फायदे के लिए जारी हुई तारीख

रेलवे और बैंकिंग दोनों की तैयारी कर रहे करण कुमार ने बताया कि 2018 में आई वैकेंसी ने यह उम्मीद जगाई थी कि साल 2019 तक हम जॉब ज्वाइन कर लेंगे। लेकिन चुनाव के मद्देनजर जारी हुई परीक्षा को सरकार बनते ही टाल दिया गया। इसके बाद सरकार परीक्षा के आयोजन को लेकर कई तरह के बहाने करती रही और फिर कोरोना आने के बाद हमारी पढ़ाई रुक सी गई।

करण ने कहा कि इस बार भी बिहार में होने वाले चुनाव के कारण ही यह तारीख जारी की गई है। क्योंकि सरकार भी यह जानती है कि यहां के कई लोग रेलवे के लिए तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा सोशल मीडिया प्रेशर के चलते भी यह फैसला लेना पड़ा, वरना सरकार तो अभी भी सोई ही हुई है। परीक्षा को लेकर करण ने कहा कि इस बार यह तय शेड्यूल पर हो जाए तो बड़ी बात होगी।

कैटेगरी- वाइज मार्क्स डिस्ट्रीब्यूशन

वर्ग

मार्क्स

जनरल

40%

ईडब्ल्यूएस

40%

ओबीसी (नॉन क्रीमी लेयर)

30%

एससी

30%

एसटी

25%

सोशल मीडिया पर कैंपेन के दबाव में जारी हुई डेट

साल 2015 से रेलवे में नौकरी के लिए कोशिश कर रहे शिवदानी कुमार कहते है परीक्षा को लेकर सरकार के रवैये को देखकर लग रहा था वह परीक्षा कराने के मूड में नहीं है। लेकिन, सोशल मीडिया पर लगातार विरोध और बिहार चुनाव के चलते सरकार ने इसकी सुध ली है। उन्होंने बताया रेलवे की ही तरह बिहार में BPSC, बिहार महिला पुलिस कांस्टेबल समेत 7-8 परीक्षा होने वाली है, जिसे सरकार एक पॉलिटिकल मुद्दे की तरह इस्तेमाल कर रही है।



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