फेस्टिवल सेल शुरू हो चुकी है। इस बीच शुक्रवार को केन्द्र सरकार ने अमेजन फ्लिपकार्ट समेत अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सरकार ने फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने वेबसाइट पर प्रोडक्ट में ओरिजिन ऑफ कंट्री यानी कि वह प्रोडक्ट किस देश में बना है उसका नाम नहीं दिखाने के चलते नोटिस जारी किया है।
15 दिन के भीतर मांगा जवाब
ये नोटिस उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं जन वितरण मंत्रालय के तहत आने वाले उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा जारी किए गए। सरकार ने इन कंपनियों से 15 दिन के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। अगर इस दौरान कंपनियां जवाब नहीं देती हैं तो उनके खिलाफ नियमों के तहत एक्शन लिया जाएगा। मंत्रालय की ओर से जारी इस नोटिस में कहा गया है कि लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) रूल्स-2011 के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर दिखाए जाने वाले अपने प्रोडक्ट्स पर अनिवार्य रूप से देश का नाम लिखना होता है लेकिन कई कंपनियां ऐसा नहीं कर रही हैं।
अमेजन-फ्लिपकार्ट ने नहीं दी है जरूरी सूचना
फ्लिपकार्ट इंडिया प्राइवेट लि. और अमेजन डेवलपमेंट सेंटर इंडिया प्राइवेट लि. को भेजे गये नोटिस के अनुसार वे ई-कॉमर्स यूनिट्स हैं और इसीलिए उन्हें यह सुनिश्चित करना है कि ई-कॉमर्स डील्स के लिए उपयोग होने वाले डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर सभी जरूरी जानकारी दी जाए। नोटिस के अनुसार दोनों कंपनियों ने जरूरी सूचना नहीं दी और कानून का उल्लंघन किया।
आखिर क्यों बनाया गया यह नियम ?
बता दें कि जून में भारत और चीन के बीच हुई सैन्य झड़प के बाद बाद चीनी सामान के बहिष्कार की आवाजें उठी थी। इसी दौरान 26 जून को ई-कॉमर्स कंपनियों के ग्रुप ने कंट्री ऑफ ओरिजिन यानि प्रोडक्ट किस देश का बना है इसे प्रदर्शित करने का फैसला किया था। ई-कॉमर्स कंपनियों के ग्रुप ने यह निर्णय एक वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग में सरकार के उस कदम के बाद लिया था जिसमें सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) पर प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए 'कंट्री ऑफ ओरिजिन' प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया था।
मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना है मकसद
मोदी सरकार इस नियम के तहत मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना चाहती है। सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि इस कदम का उद्देश्य मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देना है।
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